Saturday, March 14, 2009
यह हे पत्रकारिता
आज का समय इलोक्ट्रोनिक मीडिया का पर कुछ समस्या भी पैदा हो जाती हे प्रतिसप्र्धा इतनी हो गई की समाचार का सत्यापन करने का समय ही नही बचता हे जो ख़बर बनी उसको न्यूज़ पर चलाना हे चाहे उसमे सचाई कितनी हो आज स्ट्रिंगर को ख़बर पर पेसे मिलते हे ख़बर लाओ पेसे लो बेचारा स्ट्रिंगर ख़बर नही मिलती हे तो वोह भी जादू टोन का सहारा लेकर न्यूज़ पर चिपका देता हे कुछ नही होगा तो किसी लड़की के उपर भूत का चाकर चलवा देगा मेरा दोस्त भी मीडिया में हे उसके फोन अक्सर आते हे अरे यार तेरे यह कोई मन्दिर नही हे जहा जादू टोना होता हो या किसी को भूत चढ़ जाता हो मेने काया यार आप लोगो का का जाग्रति का हे या बेबकूफ बनाने का मेरा दोस्त बोला यार टी र पी का खेल हे सब सोचता इससे अच्छे तो मदारी हे खेल दिखने के बाद बोल तो देते हे यह सब नजरबन्द का खेल हे कोई जादू नही
Friday, March 13, 2009
मेरी भावना
भावनाओ में वहता हूँ तो लोग कायर समझते हे
भावनाओ में नही वहता हो तो लोग पत्थर दिल समझते हे
नही आता मुझे समझ करू में क्या
दिल करता जाके लगा दू उन पहाडो से छलाग
फिर में भावनाओ में बह जाता हु ।
माँ की ममता की छाँव में
बहन की राखी में
किसी के प्यार में
लेकिन सोचता हु
कब तक बंधा रहूगा इनकी भावनाओ में
कभी तो जाना ही होगा इन भावनाओ को तोड़कर
क्योंकि नही रख पाउँगा जिन्दगी के बाद
इन भावनाओ को सहेजकर
भावनाओ में नही वहता हो तो लोग पत्थर दिल समझते हे
नही आता मुझे समझ करू में क्या
दिल करता जाके लगा दू उन पहाडो से छलाग
फिर में भावनाओ में बह जाता हु ।
माँ की ममता की छाँव में
बहन की राखी में
किसी के प्यार में
लेकिन सोचता हु
कब तक बंधा रहूगा इनकी भावनाओ में
कभी तो जाना ही होगा इन भावनाओ को तोड़कर
क्योंकि नही रख पाउँगा जिन्दगी के बाद
इन भावनाओ को सहेजकर
हर वोट पर नोट
मुलायम सिंह और गोविंदा ने सब लोगो को चुनाव जीतने का तरीका बता दिया मुलायम सिंह १०० के नोट बाँट रहे थे तो गोविंदा ५०० के नोट बाँट रहे थे लोकसभा चुनाव जीतने के लिए अगर २ लाख मतदाताओ को १०० के नोट बांटेतो आप २ करोड़ में सांसद बन सकते हे २ करोड में सांसद बनना कोई बुरा सौदा नही हे इसके न तो आपको किसी पार्टी के दरवाजे पर टिकट के लिए माथा टेकने की जरूरत न प्रचार की जरूरत नेता लोग सुन रहे सभी जानते है की चुनाव में सुरा और नोट का अहम् रोल होता हे पर यह सब अब खुलेआम होने लगा हे लगता मंदी के दौर में भारत तरक्की पर हे
Wednesday, March 11, 2009
CHUNAVI LOG
चुनाव आ गए हे यह आपके लिए नही उन लोगो के लिए हे जिनके लिए ये दीपावली से भी बडा पर्व है क्योंकि दीपावली में तो इनको अपने पैसे से यह सब करना पड़ता है पर चुनाव के समय नेताजी हे न आप चाहे तो आपको भी ये मौका मिल सकता है आपको सिर्फ़ नेताजी आप ही चुनाव जीतोगे नेताजी आपको हराने वाला अभी पैदा ही नही हुआ हे सब बोलना पड़ेगा मेरे हिसाब से एक महीने के दारू मुर्गे के लिए यह सब बोलना महंगा भी नही हे
आप सोच रहे होंगे यह सब क्या हे यह उन लोगो की जमात हे जो चुनाव के समय भासन और रैली की सोभा बढाते हे इनकी रोजी रोटी चुनावी मौसम से ही चलती हे इन लोगो की कोई पार्टी नही होती यह लोग तो सिर्फ़ दारू और मुर्गा भक्त होते है नेता लोग भी जानते हे पर उनको भी पता की नौकरीशुदा लोगो पर हमारे लिए टाइम हे नही तो इन्ही दारू चाप और मुरहा चाप लोगो से कम चलाना हे
आप सोच रहे होंगे यह सब क्या हे यह उन लोगो की जमात हे जो चुनाव के समय भासन और रैली की सोभा बढाते हे इनकी रोजी रोटी चुनावी मौसम से ही चलती हे इन लोगो की कोई पार्टी नही होती यह लोग तो सिर्फ़ दारू और मुर्गा भक्त होते है नेता लोग भी जानते हे पर उनको भी पता की नौकरीशुदा लोगो पर हमारे लिए टाइम हे नही तो इन्ही दारू चाप और मुरहा चाप लोगो से कम चलाना हे
क्या है हिन्दुत्व
मे हिन्दू हूँ इस बात मे कोई शक नहीं पर इसके लिए क्या हिन्दुत्व की बात करना जरूरी है बिना हिन्दुत्व के हम हिन्दू नहीं हो सकते है या हिन्दुत्व का मतलब मालेगाँव जैसा कुछ करना है एक बात मेरी समझ मे नहीं आती है की बिना हिन्दुत्व के हम हिन्दू नहीं है मे पूछता कितने लोगो ने बाबरी मस्जिद को तोडा यह सब मे इसलिए आप लोगो से पूछ रहा हूँ क्योंकि अभी २ दिन पहले मेरे दोस्त मुझसे बोला की तुम कांग्रेसी हो मैंने पुछा कैसे तो वोह बोला तुम हिन्दुत्व का मतलब नहीं समझते हो मैंने पुछा क्या मतलब है भाई बोला सब को मिटा दो जो हमसे टकराए मैंने कहा हर चीज का शंतिपूर्क तरीका होता है इसी पर वोह बोला तुम हिन्दू नहीं हो मेरा मानना सिर्फ इतना है गलत काम गलत होता है चाहे वोह हिन्दू करे या कोई और मैंने पुछा क्या हिन्दुत्व को मलेगोव् जैसा हमला करना चाहिए तो महाशय बोले उसमे सिर्फ चार आदमी ही मरे थे अगर आप लोगो को मेरी इस बात से बुरा लगा हो तो मे छमा प्रथि पर कोई मुझे हिन्दुत्व का मतलब बता सके तो मुझ पर आपकी बहुत कृपा होगी
या
या
Tuesday, March 10, 2009
आप सभी लोगो को मेरी तरफ़ से होली की सुभकामनाये अगर हम लोग होली की बात करे और बरसाने की लठमार होली का जिक्र न हो तो यह बिल्कुल उस तरह होगा जैसे हम लोग बात करे प्यार की और हीर राँझा की बात न कर वहा पर सब आदमी को डंडा पड़ते है अजीब बात यह की सब औरते ही आदमी को मारती है यह होली का अंदाज ही है की इस दिन आदमी औरत से डंडा खा लेता है सिर्फ़ इसी दिन क्योंकि होली है प्यार मई सब जायज है
Sunday, March 8, 2009
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